Thursday, September 5, 2019

Dharam-Veer (1977)

Dharam-Veer (1977)

परिचय : 

निर्माता सुभाष देसाई की प्रस्तुति 1977 में प्रदर्शित सुपर हिट फिल्म धर्मवीर, इस फिल्म के निर्देशक मनमोहन देसाई थे, इस फिल्म के सभी गीत उस समय सुपर हिट हुए और आज भी उतने ही हिट हैं I

इस फिल्म के सभी गीत म्यूजिक कंपनी पॉलिडोर पर प्रस्तुत हुए थे, इस फिल्म के डायलॉग का भी रिकॉर्ड जारी हुआ था I

संगीत : 

आइये बात करते हैं इस फिल्म के गीतों की, इस फिल्म में  6 गीत थे, इस फिल्म के संगीतकार थे लक्ष्मीकांत प्यारेलाल और गीतकार थे आनंद बक्शी और स्वर दिया था लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी, किशोर कुमार, मुकेश, और आशा भोसले ने I

इस फिल्म का प्रथम गीत "सात अजूबे इस दुनिया में आठवीं अपनी जोड़ी " रफ़ी साहेब और मुकेश जी का गाया यह गीत दो भागो में था, प्रथम भाग के अन्तरे में बोल इस प्रकार हैं "यह लड़की है या रेशम की डोर है .... मुश्किल से काबू में आये लड़की हो या घोड़ी" यह बोल इस फिल्म के रिकॉर्ड पर उपलब्ध हैं, अगर आप फिल्म में देखेंगे तो गीत के बोल इस प्रकार हैं, "यह लड़की है या रेशम की डोर.... मुश्किल से काबू में आये थोड़ी ढील जो छोड़ी" I

अगला गीत "हम बंजारों  और साथियो की आवाज़ में की बात मत पूछो जी, जो प्यार किया सो प्यार किया " किशोर कुमार लता मंगेशकर और साथियो की आवाज़ में यह गीत शानदार है I

"मैं गलियों का राजा तू महलों की रानी" मोहम्मद रफ़ी का गाया यह गीत इस फिल्म की जान है यह गीत आप जितनी बार भी सुनो गे उतना ही उतना ही अच्छा लगेगा I

इसी तरह यह गीत भी आपको मस्ती से भरदेगा "ओ मेरी मेहबूबा तुझे जाना है तो जा तेरी मर्ज़ी मेरा क्या" ऐसा लगता है यह गीत रफ़ी साहब ने धर्मेन्द्र के लिए ही गाया  था I 

फिल्म की अगली और अंतिम रचना विट्ठल भाई पटेल की है " बंद हो मुट्ठी तो लाख की खुल जय तो फिर खाक की" साधारण है इस गीत को स्वर दिया है लता मंगेशकर आशा भोसले और साथियो ने I

यह लेख आपको कैसा लगा अपने विचार और प्रतिक्रिया और आप किस फिल्म के गीतों की समीक्षा चाहते हैं Comment Box में ज़रूर लिखें
धन्यवाद  

No comments:

Post a Comment